
एक पिता अपने एमबीए और मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाली अपनी बेटी के लिए योग्य वर की तलाश में धावक बना हुआ है.धावक इसलिए कि जैसे ही किसी योग्य वर के बारे में पता मिलता है तो तुरंत चाहे शहर,राज्य देश के किसी कोने में हो तुरंत पहुंच जाते हैं. योग्यता का पैमाना ये है कि लड़का उच्च शिक्षित हो,अच्छा कमाता हो,अच्छा परिवार हो..वगैरह..वगैरह..जैसा एक आम मध्यमवर्गीय परिवार के पिता की इच्छा होती है..बिलकुल वैसे ही..
दृश्य नंबर 1- लड़की का पिता मिठाई-फल लेकर..दो बड़ी कार में अपने कुछ भारी-भरकम रिश्तेदारों के साथ एक वर की तलाश एक परिवार में मिलने जाता है…(ये सारे तामझाम किए जाते हैं इम्प्रेशन जमाने के लिए..जैसा आप सभी समझ रहे हैं)..
दृश्य नंबर 2- लड़के के घर में भी लड़की वालों के स्वागत के लिए काफी इंतज़ाम किया गया है. लड़की के पिता अपने रिश्तेदारों के साथ बैठक में दाखिल हो रहे हैं…जलपान वगैरह के साथ राजनीति..वगैरह पर चर्चा हो जाने के बाद दोनों पक्ष के लोग मुख्य मुद्दे पर आते हैं..यानी लड़की के बारे..लड़के के बारे में बातचीत..जो इस पूरी कवायद का मुख्य एजेंडा है…कई बातों के बीच लड़के के पिता ने पूछा कि आपकी बेटी तो नौकरी कर रही है..मेरा बेटा तो ऐसी नौकरी में है जहां अक्सर तबादला होता रहता है.ऐसे में क्या आपकी बेटी नौकरी करती रहेगी….लड़की के पिता का तुरंत जवाब आता है कि ये तो आपकी मर्जी है साहब..शादी के बाद तो उसे क्या करना है,क्या नहीं करना है उसका निर्णय तो आप ही लेंगे. थोड़ी और बातचीत के बाद..सोच कर बताते हैं…पहले कुंडली मिलवा लेते हैं…बड़े भाई साहब से पूछ लेते है..बेटा भी आ जाए फिर लड़की देख ले…वगैरह-वगैरह..लड़की का पिता स्प्रिंग लगे गुड्डे के तरह लगातार हां..हां..में सर हिलाता हुआ..वहां से विदा ले लेता है..
दृश्य नंबर 3- लड़की की मां से पिता सारी बातों के बारे में खुश होकर बताता है..और पॉजिटिव रिस्पांस लग रहा है ..ऐसा कहकर आगे की तैयारी में जुट जाता है.लड़की दूसरे कमरें में बैठी सारी बात सुन रही है..वो अचानक अपने पिता के सामने आकर कहती है कि आपने ये कैसे कह दिया पापा कि आगे मै क्या करुंगी,क्या नहीं, इसका फैसला वो लोग लेंगे…फिर मेरी रात भर जागकर पढ़ाई करने का क्या मतलब हुआ..दिन-रात अथक परिश्रम करके जो मैने अपने बूते पर नौकरी पायी है,उसका क्या मतलब..जब कैरियर बनाने का निर्णय मेरा था,मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने का निर्णय मेरा था..नौकरी करते रहने का फैसला उनका कैसे हो सकता है…क्या आपने भी लड़के के पिता से पूछा कि आपके बेटे से मेरी बेटी की तनख्वाह ज्यादा है क्या शादी के बाद नौकरी छोड़ने का निर्णय उनका बेटा ले सकता है ?
पिता अवाक रह जाता है…उसके सामंती दिमाग में अपनी आज्ञाकारी बेटी के ऐसे रुप की उम्मीद नहीं थी..लेकिन फिर अपने को सम्हालते हुए कहता है कि बेटीअच्छा घर वर है..ऐसी बाते तो करनी ही पड़ती हैं..आखिर सब तेरे खुशी के लिए ही तो कर रहा हूं..लड़की फिर बिफरती है कि आपको कैसे पता कि मेरी खुशीकिसमें हैं..आपने कभी पूछा…सिर्फ पढ़ने की आज़ादी दी..नौकरी करने की,चुनने की आज़ादी दी…आप कैसे भूल गए कि इस आज़ादी में मेरी भावनाएं आज़ाद नहींहुई होगी…इस पूरे सफर में कोई ऐसा नहीं मिला होगा..जिससे मै भावनात्मक रुप से जुड़ भी सकती हूं…आपकी खुशी के लिए मै आप के हिसाब के लड़के से शादी तो कर सकती हूं..लेकिन नौकरी नहीं छोड़ सकती? लड़की का पिता सदमे की हालत में है….
लड़की के इस एलान के बाद घर में उसी तरह रिएक्शन है..जैसे भारत-पाक शांति वार्ता के बाद…पिता पहले तो उस पर पाकिस्तानी अंदाज़ में तमाम आरोप मढ़ता है..कुढ़ता हैं…कि आखिर इतनी आज़ादी दी ही क्यों…इतना पढ़ाया-लिखाया क्यों…फिर अपना राग अलापने लगता है बेटी मैने ज़िंदगी भर तुम लोगों को कोई कमी नहीं होने दी…कुल मिलाकर पिता फिर मां को बिचौलिया बना कर अपनी बात मनवाने की कवायद शुरु कर देता है….
लब्बोलुआब यही है कि अभी बदलाव लाने में…आज़ादी के मायने समझने-समझाने में कई बरस और लगेंगे..चाहे वो आम ज़िंदगी में हो या फिर राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर…देश के राजनीतिज्ञों और अफसरों से भी यही गुजारिश है कि अवाम को क्या पसंद है क्या पसंद नहीं है इसका निर्णय वो कैसे ले सकते हैं….भारत-पाक के अवाम से पूछ कर देखिए….वोटिंग करवा लीजिए..शांति वार्ता का सबसे आसान तरीका मिल जाएगा….
Written by pratibhak rai
सुंदर अभिव्यक्ति. आपके ब्लाग पर आकर अच्छा लगा.. चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है... हिंदी ब्लागिंग को आप नई ऊंचाई तक पहुंचाएं, यही कामना है....
जवाब देंहटाएंhttp://gharkibaaten.blogspot.com
aapkee abhivyakti me jo vaicharik dard ubhar raha hai,main us se vichlit nahin hoon , kyonki dard aapki pakad me hai,aap iskee dawa bhee kar lenge .main yah nahin kahoonga ki aapka bhavishya ujjwal hai,kyonki aapka vartamaan hee ujjwal hai .aap achche lage.
जवाब देंहटाएंइस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
जवाब देंहटाएंकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
ek sundar prastuti hai
जवाब देंहटाएंwww.aatejate.blogspot.com
सही बात श्रीमानजी! आपकी सोच मेरी ही सोच से मिलती है.
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