शुक्रवार, 23 जुलाई 2010

रेल यात्रा या अंतिम यात्रा ?


आए दिन हो रही रेल दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अभी ताजा सैंथिया दुर्घटना में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी थी। मई में भी रेल दुर्घटना से करीब 150 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। इसके पहले और कई छोटी-बड़ी रेल दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।

अमूमन सभी दुर्घटनाओं के बाद रेल मंत्री ममता बनर्जी पहले तो शोक प्रकट करती हैं और फिर मुआवजे का ऐलान कर देती हैं। मुआवजे का ऐलान इसलिए कि कहीं उनके मंत्री पद पर कोई आंच न आ जाए। कुछ लोगों को तो आर्थिक घोषणा होने के बाद भी मुआवजा नहीं मिल पाता। वजह जो भी हो।
अब सवाल इस बात का है कि क्या मुआवजे से उन मौतों की भरपाई हो सकती है। दुर्घटना में कोई अपना पिता खो बैठता है, कोई मां तो कोई अपना दुधमुंहा बच्चा। जो भी जनहानि इस दुर्घटना के माध्यम से होती है क्या उसकी भरपाई पैसे से हो सकती है।

मुआवजा भी केवल उन चंद लोगों को ही मिलता है जो आरक्षित श्रेणी में यात्रा करते हैं। क्या उन लोगों का रिकॉर्ड रेलवे के पास रहता है जो जनरल बोगी में यात्रा करते हैं। या जो बगैर टिकट लिए यात्रा कर रहे होते हैं। लेकिन अब इसपर कई सवाल उठ खड़े होते हैं। या तो सभी का आरक्षित श्रेणी में ही यात्रा करना अनिवार्य माना जाए। या जनरल बोगी में चलने वालों का भी रिकॉर्ड होना चाहिए। अब मैं रेल मंत्री जी से एक सवाल करना चाहता हूं कि क्या जो साधारण श्रेणी में यात्रा करते हैं वो देश के नागरिक नहीं हैं ? क्या उनका देश पर कोई हक नहीं है ? और हक सिर्फ इसलिए नहीं क्योंकि वह गरीब हैं। देखा जाए तो देश की अधिकतर जनता रेल यात्रा पर ही निर्भर है। उसमें भी ज्यादातर लोग साधारण श्रेणी में ही चलने को मजबूर होते हैं।

इन जानलेवा दुर्घटनाओं का सिलसिला क्या कभी नहीं थमेगा ? क्या देश की जनता को कोई ऐसी सरकार या ऐसा रेल मंत्री नहीं मिलेगा जो इन दुर्घटनाओं पर लगाम लगा सके? और छाती ठोंक कर यह कह सके कि अब आप आराम से रेल सफर करिए क्योंकि रेलवे आपकी मंगलमय यात्रा के प्रति कटिबद्ध और उत्तरदायी है। यदि ऐसा संभव नहीं है तो सवाल इस बात का है कि इसको रेल यात्रा मानें या अंतिम यात्रा?

Written by Avdhesh Kumar

1 टिप्पणी:

  1. सुंदर अभिव्यक्ति. आपके ब्लाग पर आकर अच्छा लगा.. चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है... हिंदी ब्लागिंग को आप नई ऊंचाई तक पहुंचाएं, यही कामना है....
    http://gharkibaaten.blogspot.com

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